अंधेरी काल कोठरी में किसी ने खिड़की खोल दी थी और उम्मीद की किरण आ रही थी। अंधेरी काल कोठरी में किसी ने खिड़की खोल दी थी और उम्मीद की किरण आ रही थी।
काश मैंने एतबार ना किया होता। काश मैंने एतबार ना किया होता।
माँ आज मेरी जिंदगी की सबसे खुशी का दिन था क्योंकि पहली बार वहाँ सबने मुझे कहा था देखो ये है कितनी भ... माँ आज मेरी जिंदगी की सबसे खुशी का दिन था क्योंकि पहली बार वहाँ सबने मुझे कहा था...
"मजाक न करो, भैया को खाना खिला कर भेजते हैं।" "मजाक न करो, भैया को खाना खिला कर भेजते हैं।"
मैं अक्सर सोचता हूँ कि अब तुम कैसी लगती होगी। मैं अक्सर सोचता हूँ कि अब तुम कैसी लगती होगी।
महुआ यानि देशी शराब था नशा इस महुआ में। जैसा नाम वैसा रूप उस अदिवासी महिला का। मजदूर महिलाओं के बीच ... महुआ यानि देशी शराब था नशा इस महुआ में। जैसा नाम वैसा रूप उस अदिवासी महिला का। म...